Sunday, 30 December 2018

I have read --

Which books I have read ? How many degrees I have acquired? What is the size of reading room and personal library ? This is not important for me . My Native Nation is my Only Book and daily change in the life of my Native people are Live Pages I see , I watch , I read and I analysis and think of My Strategy and Politics , Means and Wages for Meaningful Change in the Life of my Native People and beloved Native Nation !

Nativist D.D.Raut,
President,
Native Rule Movement

Saturday, 29 December 2018

इंडियन नेटिविज़्म :१ जनुअरी नेटिव वारियर्स डे और इंडियन नेटिविज़्म डे
इंडियन नेटिविज़्म , भारतीय नेटिविज़्म , हिंदुस्तानी नेटिविज़्म को १ जनुअरी २019 को ४७ साल होंगे। नेटिविस्ट डी डी राउत ने सं १९७३ के १ जनुअरी को बौद्धिक मंडल , शुक्रवारी वार्ड , पौनी , जिल्हा भंडारा , महाराष्ट्र में अपने कुछ युवा साथी के साथ इस मंडल का काम सँभालने के बाद जाती और वर्ण वेवस्था और गुलामी के खिलाफ लड़ने के लिए नेटिविज़्म और नेटिव हिंदुत्व पर अपना छोटासा सम्बोधन अपने साथी युवा कार्यकर्ता को किया था इन युवावो में विनायक मेश्राम , लीलाधर गजभिये , कमलाकर रामटेके आदि थे। विदेशी ब्राह्मण और उनका वैदिक ब्राह्मण धर्म हमारे लिए , देश के लिए हानिकारक है , ब्राह्मण हिन्दू नहीं है , हिन्दू धर्म और ब्राह्मण धर्म अलग अलग है ये बात सुनाने के बाद युवावो ने ब्रह्मिनो के कुवमे थूकने का निर्णय किया था और कुछ ऐसे कुवो में हम युवक थूके थे। यह वर्णवाद , छुवाछुत , अस्पृश्यता आदि विदेशी वैदिक ब्राह्मण धर्म के खिलाफ विद्रोह था। तब हम नहीं यही कोई २० -२५ साल के युवा थे और हमारी समज में विदेशी ब्रह्मिनो के कुवो में थूकना बड़ी बहादुरी थी। एक जीजा बाई ब्राह्मण विधवा थी जिस का वाडा हमारे शुक्रवारी वार्ड को लगकर रस्ते पर ही था वो बड़ा छुवाछुत मानतिथि और हम लोग महार के बच्चे जब भी वो रस्ते पर दिखाई देती उसे छूने की कोशिस करतेते थे जिस से वो क्रुद्ध हो कर हम लोगो को गाली देती थी। उसके वेड में कुवा था हम छूने के बाद वो दुबारा नाहतीथी। उसके बगिचेमे सन्तरा , अमरुद के पेड़ थे जिस पर जनुअरी में आछे बड़े फल होते थे जिसे हम रात को बोरा लेकर चुराने जाते थे कॉमपॉन्ड वाल लो लाँघ कर बहुत सारे फल चुरा लेते थे हमें बड़ा संतोष होता था।
आज हम जानते है १ जनुअरी १८१८ को नेटिव रेजिमेंट के कुछ ५०० वीर , बहादुर सैनिको ने विदेशी ब्राह्मण पुना का पेशवा के ४०००० के फ़ौज को हरा कर वर्णवादी , जातिवादी , छुवाछुत वादी वैदिक ब्राह्मण धर्मी पेशवा को हरा कर पेशवाने जो नेटिव महार लोको के कमर को जादू और मुँह को मटका बंधा था उस से मुक्ति पायी थी। इस लिए हम इस दिन को नेटिव वर्रिएर्स डे भी कहते है और इंडियन नेटिविज़्म डे भी कहते है। यह सैयोग ही है की नेटिविस्ट डी डी राउत ने अपना पहला सम्बोधन नेटिविज़्म और नेटिव हिंदुत्व पर १ जनुअरी १९७३ को किया था और नेटिव वारियर्स ने विदेशी ब्राह्मण पेशवा को १ जनुअरी , १८१८ में हरा दिया था।
पर नेटिविज़्म और नेटिव रूल नहीं आया था , विदेशी ब्राह्मण का रूल गया विदेशी ब्रिटिश रूल आया , थोड़ी रहत मिली पत्थर से ईट नरम इस कहावत से ठीक ही है पर नेटिव रूल आया नहीं।
इंडियन नेटिविज़्म , नेटिव हिंदुत्व का मकसद है नेटिव रूल लाना , प्रबोधन की शुरवात तो १ जनुअरी १९७३ से हुवी पर नेटिविस्ट डी डी राउत पौनी से मुंबई आने के बाद मुम्बई में फिर फेडरेशन फॉर ईरादिकेशन ऑफ़ इविल्स बनायी जिस में रमेश पानतावणे , आनद गेडाम , हुमने, लीलाधर गजभिये रहे। कुछ काम आगे बढ़ा , फिर लोग बिखर गए। मकसद कायम रहा.
फिर मूल भारतीय विचार मंच १९८९ में बना , नेटिव पीपल्स पार्टी , १५ अगस्त 1992 को बानी और इलेक्शन कमीशन , दिल्ली के साथ ११ -१ - १९९३ को पंजीकृत हुवी , एक आमदार भी पार्टी का चुना गया। मूल भारतीय विचार मंच और नेटिव पीपल्स पार्टी की स्थापना में प्रोफेसर , डॉक्टर भीमराव गोटे, विजय विसपुते , के जी पाटिल , वंदना ताई गोटे , दीपा राउत , जीजाबाई पाटिल , एन एस जगजापे आदि सहयोगी का बड़ाही ही महत्वपूर्ण रोल रहा है खास कर डॉ भीमराव गोटे और विजय विसपुते नेटिव पीपल्स पार्टी के संस्थापक रहे है। ४६ साल का ये नेटिविज़्म और नेटिव हिंदुत्व का प्रवास। पिछले ५ साल से सत्य हिन्दू धर्म सभा विचार दे रहा है हिन्दू धर्म और ब्राह्मण धर्म अकाज अलग है। हिन्दू धर्म का एक मात्र धर्म ग्रन्थ है धर्मात्मा कबीर की वाणी बीजक और हिन्दू कानून है डॉ आंबेडकर लिखित हिन्दू कोड बिल। विदेशी वैदिक ब्राह्मण धर्म का धर्म ग्रन्थ है वेद और कानून है मनुस्मृति।
हमने कुछ नारे दिए है जैसे :
जनेऊ छोडो , भारत जोड़ो
हिन्दू वोही , जो ब्राह्मण नहीं
हिन्दू धर्म और ब्राह्मण धर्म अलग अलग है
हिंदुत्व वही , जिस में ब्राह्मण बिलकुल नहीं
विदेशी ब्राह्मण भारत छोडो
हमें पूरी उम्मीद है हिंदुस्तान में जल्दी ही नेटिव रूल आएगा।
१ जनुअरी नेटिव वारियर्स डे और इंडियन नेटिविज़्म डे की हम सभी नेटिव लोगो को बधाई देते है और मंगल कामना करते है।
नेटिविस्ट डी डी राउत ,
अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट